Tata Power ने ओडिशा में बड़ा निवेश करने की योजना बनाई है। कंपनी राज्य सरकार से बातचीत कर रही है ताकि 10 गीगावाट (GW) क्षमता वाली इनगॉट्स और वेफर्स फैसिलिटी स्थापित की जा सके। इस प्रोजेक्ट पर करीब ₹10,000 करोड़ रुपये का निवेश अनुमानित है। यह फैसिलिटी सोलर सेल और सेमीकंडक्टर चिप्स के लिए जरूरी कच्चे माल का उत्पादन करेगी।
कहां बनेगी नई यूनिट?
टाटा पावर इस फैसिलिटी के लिए दो संभावित जगहों पर विचार कर रही है—गोपालपुर और कटक। दोनों ही लोकेशन पोर्ट के पास हैं, जिससे लॉजिस्टिक्स और एक्सपोर्ट आसान हो सकेगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक, गोपालपुर में टाटा स्टील स्पेशल इकोनॉमिक जोन पहले से ही इंडस्ट्रियल पार्क विकसित कर रहा है, जो इस प्रोजेक्ट के लिए उपयुक्त हो सकता है।
कंपनी का लॉन्ग टर्म प्लान
फिलहाल टाटा पावर के पास 4.55 GW की सेल और मॉड्यूल बनाने की क्षमता है। इसमें तमिलनाडु के तिरुनेलवेली में 4.3 GW और बेंगलुरु में 250 मेगावाट की यूनिट शामिल है। कंपनी का उद्देश्य है कि इनगॉट्स और वेफर्स का उत्पादन खुद करे और बैकवर्ड इंटीग्रेशन के जरिए लागत कम करे। साथ ही, इन उत्पादों को एक्सपोर्ट कर अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी अपनी पकड़ मजबूत बनाए।
शुरुआती स्टेज में है प्रोजेक्ट
कंपनी के CEO और MD प्रवीर सिन्हा ने हाल ही में कहा था कि 10 GW इनगॉट्स और वेफर्स फैसिलिटी का प्लान तैयार है, लेकिन लोकेशन को लेकर अंतिम निर्णय अभी बाकी है। यह प्रोजेक्ट भारत में सोलर और सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री को नई दिशा दे सकता है।
शेयर बाजार में असर
आज सुबह टाटा पावर के शेयर में मजबूती देखी गई। करीब 9:30 बजे कंपनी का शेयर 1.80% बढ़कर ₹398.55 पर ट्रेड कर रहा था। निवेशकों का मानना है कि इस मेगा प्लान से कंपनी की ग्रोथ स्टोरी और मजबूत होगी।
ओडिशा में वेफर फैसिलिटी लगाने का टाटा पावर का कदम भारत की ऊर्जा और टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री के लिए अहम साबित हो सकता है। यह निवेश न केवल सोलर सेल और पैनल उत्पादन को बढ़ावा देगा, बल्कि सेमीकंडक्टर सेक्टर में भी देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा योगदान देगा।

