भारत की अर्थव्यवस्था ने वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में उम्मीद से कहीं बेहतर प्रदर्शन किया है। सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार जुलाई-सितंबर तिमाही में India GDP Growth 8.2% रही, जो पिछले साल की इसी अवधि में 5.6% थी। यह वृद्धि न केवल पिछले साल से 260 बेसिस प्वाइंट ज्यादा है बल्कि विशेषज्ञों के अनुमान को भी पीछे छोड़ गई है।
अनुमान से बेहतर रहा प्रदर्शन
आर्थिक विश्लेषकों ने दूसरी तिमाही में GDP Growth Rate 7% से 7.5% के बीच रहने का अनुमान जताया था। लेकिन वास्तविक आंकड़े इससे कहीं ज्यादा रहे। लगातार तीसरी तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था ने मजबूत रफ्तार बनाए रखी है। पिछली तिमाही में ग्रोथ 7.8% थी, जबकि इस बार यह 8.2% तक पहुंच गई।
वास्तविक जीडीपी और सेक्टोरल परफॉर्मेंस
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के अनुसार स्थिर कीमतों पर वास्तविक GDP इस तिमाही में ₹48.63 लाख करोड़ रही, जो पिछले साल ₹44.94 लाख करोड़ थी। नाममात्र GDP में 8.7% और वास्तविक GVA में 8.1% की बढ़ोतरी दर्ज की गई।
- विनिर्माण क्षेत्र (Manufacturing Sector) ने सबसे अच्छा प्रदर्शन किया और 9.1% की वृद्धि दर्ज की।
- कृषि क्षेत्र (Agriculture Sector) की ग्रोथ 3.5% रही।
- निजी उपभोग (PFCE) 7.9% बढ़ा, जो पिछले साल के 6.4% से बेहतर है।
- पूंजी निर्माण (GFCF) में 7.3% की वृद्धि दर्ज हुई।
सरकारी खर्च और अनुशासन
इस तिमाही में सरकारी खर्च नाममात्र आधार पर 2.7% घटा है। इसका मतलब है कि सरकार ने राजकोषीय अनुशासन बनाए रखा है, जबकि घरेलू मांग और निवेश ने अर्थव्यवस्था को मजबूती दी है।
निष्कर्ष
कुल मिलाकर विनिर्माण की तेज रफ्तार, मजबूत घरेलू मांग और निवेश में सुधार के दम पर भारतीय अर्थव्यवस्था ने एक बार फिर दुनिया की सबसे तेज बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था होने का तमगा बरकरार रखा है। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में औसत GDP Growth करीब 8% रही है, जो पूरे साल के लिए ऊंचे अनुमानों को और मजबूत करती है।

