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लॉन्ग शॉर्ट और स्क्वायर इंजन: क्या है फर्क और आपके लिए कौन सा बेहतर रहेगा

मोटरसाइकिल की स्पेसिफिकेशन शीट पढ़ते समय आपने अक्सर लॉन्ग स्ट्रोक, शॉर्ट स्ट्रोक और स्क्वायर इंजन जैसे शब्द देखे होंगे। ये शब्द इंजन की बनावट और उसके व्यवहार को समझाने के लिए उपयोग किए जाते हैं। असल में, इंजन का बोर (सिलेंडर का व्यास) और स्ट्रोक (पिस्टन की ऊपर-नीचे की दूरी) तय करता है कि बाइक कैसी फील देगी – टॉर्की, हाई-रेविंग या बैलेंस्ड।


Bore और Stroke क्या होते हैं?

हर इंजन में पिस्टन सिलेंडर के भीतर ऊपर-नीचे चलता है।

अगर स्ट्रोक बोर से ज्यादा है तो इंजन लॉन्ग स्ट्रोक कहलाता है। अगर स्ट्रोक बोर से कम है तो शॉर्ट स्ट्रोक इंजन होता है। और अगर दोनों लगभग बराबर हैं तो उसे स्क्वायर इंजन कहा जाता है।


Long Stroke इंजन

लॉन्ग स्ट्रोक इंजन कम RPM पर ज्यादा टॉर्क देते हैं। यही कारण है कि Royal Enfield Classic 350 जैसी बाइक्स में इनका इस्तेमाल होता है।


Short Stroke इंजन

शॉर्ट स्ट्रोक इंजन का पिस्टन कम दूरी तय करता है, जिससे इंजन बहुत तेज घूम सकता है।

Yamaha R15 और KTM Duke 200 जैसी बाइक्स में शॉर्ट स्ट्रोक इंजन मिलते हैं। ये उन राइडर्स के लिए हैं जिन्हें हाई-रेविंग और स्पोर्टी राइडिंग का मजा चाहिए।


Square इंजन

स्क्वायर इंजन में बोर और स्ट्रोक लगभग बराबर होते हैं।

कई आधुनिक मोटरसाइकिलों में स्क्वायर इंजन का इस्तेमाल होता है। यह उन राइडर्स के लिए है जो संतुलित परफॉर्मेंस चाहते हैं – न सिर्फ टॉर्की फील, न ही सिर्फ हाई-रेविंग।


निष्कर्ष

अगर आप शहर और ट्रैफिक में आरामदायक राइड चाहते हैं तो लॉन्ग स्ट्रोक इंजन आपके लिए सही है। अगर आपको स्पोर्टी परफॉर्मेंस और हाईवे पर तेज रफ्तार पसंद है तो शॉर्ट स्ट्रोक इंजन चुनें। वहीं अगर आप दोनों का संतुलन चाहते हैं तो स्क्वायर इंजन आपके लिए बेहतर रहेगा।


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