देश में 21 नवंबर 2025 से चार नए लेबर कोड (New Labour Codes India 2025) लागू हो चुके हैं। इसके साथ ही 29 पुराने श्रम कानून खत्म कर दिए गए हैं। सरकार का कहना है कि इन सुधारों से कर्मचारियों को समय पर वेतन, बेहतर सामाजिक सुरक्षा, सुरक्षित कार्य वातावरण और बराबरी के अधिकार मिलेंगे। इनका असर स्थायी कर्मचारियों से लेकर कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स, गिग वर्कर्स, आईटी और मीडिया सेक्टर तक सभी पर पड़ेगा।
फिक्स्ड-टर्म कर्मचारियों को राहत
पहली बार फिक्स्ड-टर्म कर्मचारियों (FTE) को स्थायी कर्मचारियों के बराबर अधिकार दिए गए हैं। उन्हें समान वेतन, छुट्टियां और मेडिकल सुविधाएं मिलेंगी। सबसे बड़ा फायदा यह है कि अब सिर्फ 1 साल की नौकरी पर भी ग्रेच्युटी मिलेगी, जबकि पहले 5 साल पूरे करने पड़ते थे।
गिग वर्कर्स को सामाजिक सुरक्षा
Blinkit, Zomato, Swiggy, Ola और Uber जैसे प्लेटफॉर्म पर काम करने वाले गिग वर्कर्स को अब कानूनी मान्यता मिली है। एग्रीगेटर कंपनियों को अपने टर्नओवर का हिस्सा सोशल सिक्योरिटी फंड में देना होगा। हर वर्कर को आधार-लिंक्ड यूनिवर्सल अकाउंट नंबर मिलेगा, जिससे वे देशभर में लाभ उठा सकेंगे।
कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों के लिए नए प्रावधान
कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों के लिए वार्षिक हेल्थ चेक-अप अनिवार्य किया गया है। उन्हें भी 1 साल में ग्रेच्युटी का अधिकार मिलेगा। प्रिंसिपल एम्प्लॉयर को सोशल सिक्योरिटी देना जरूरी होगा।
महिलाओं के लिए खास बदलाव
महिलाओं को समान अवसर और सुरक्षित माहौल देने पर जोर दिया गया है। अब वे अपनी सहमति से नाइट शिफ्ट, माइनिंग और हैवी मशीनरी ऑपरेशन कर सकती हैं। हर दफ्तर में महिला सदस्य वाली शिकायत समिति बनाना अनिवार्य होगा। ‘फैमिली’ की परिभाषा बढ़ाकर ससुर-सास को भी शामिल किया गया है।
आईटी और मीडिया सेक्टर
आईटी कर्मचारियों को 7 तारीख तक वेतन देना अनिवार्य होगा। अपॉइंटमेंट लेटर देना सभी कंपनियों के लिए जरूरी है। मीडिया और डिजिटल सेक्टर में काम करने वालों को भी समय पर वेतन और ओवरटाइम पर डबल पेमेंट मिलेगा।
MSME और खतरनाक उद्योग
MSME कर्मचारियों को अब सोशल सिक्योरिटी कोड के तहत लाभ मिलेगा। मिनिमम वेज, कैन्टीन और सुरक्षित कार्य वातावरण अनिवार्य होगा। खतरनाक उद्योगों में काम करने वालों के लिए फ्री हेल्थ चेक-अप और सेफ्टी कमेटी जरूरी होगी।
निष्कर्ष
नए Labour Law Reforms India से करोड़ों कर्मचारियों को फायदा होगा। खासकर महिलाओं और गिग वर्कर्स के लिए यह बदलाव ऐतिहासिक हैं। आने वाले महीनों में इनका असर अलग-अलग सेक्टरों में साफ दिखाई देगा।

