ITC लिमिटेड ने 20 नवंबर को कलकत्ता स्टॉक एक्सचेंज (CSE) से अपने शेयरों को स्वैच्छा से हटाने की प्रक्रिया पूरी कर ली है। कंपनी ने शेयर बाजार को जानकारी दी कि CSE ने इस डीलिस्टिंग को मंजूरी दे दी है। हालांकि निवेशकों को चिंता करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि ITC के शेयर अब भी NSE और BSE पर लिस्टेड हैं।
निवेशकों पर क्या असर पड़ेगा?
कंपनी ने साफ किया है कि यह डीलिस्टिंग केवल कलकत्ता स्टॉक एक्सचेंज तक सीमित है। यानी जो निवेशक ITC के शेयरों को NSE या BSE पर होल्ड कर रहे हैं, उनके लिए कोई बदलाव नहीं होगा। ट्रेडिंग पहले की तरह जारी रहेगी और शेयर की वैल्यू पर भी कोई सीधा असर नहीं पड़ेगा।
कब लिया गया था फैसला?
ITC के बोर्ड ने 30 अक्टूबर को हुई बैठक में यह प्रस्ताव पास किया था। यह फैसला SEBI के शेयर डीलिस्टिंग रेगुलेशन 2021 के तहत लिया गया। इसके बाद कंपनी ने CSE को पत्र भेजकर डीलिस्टिंग की प्रक्रिया शुरू की थी, जिसे 19 नवंबर को मंजूरी मिल गई।
शेयर का मौजूदा भाव
गुरुवार को BSE पर ITC का शेयर ₹2.60 की बढ़त के साथ ₹406.15 पर बंद हुआ। सुबह यह ₹403.55 पर फ्लैट ओपन हुआ था। शेयर में हल्की तेजी बनी हुई है, जो निवेशकों के भरोसे को दर्शाती है।
इस कदम को कंपनी ने प्रशासनिक और अनुपालन सरलता के लिए उठाया है। चूंकि CSE पर ट्रेडिंग वॉल्यूम बहुत कम होता है, इसलिए ITC ने इसे छोड़ने का निर्णय लिया।

