अगर आप iPhone, iPad, Mac या Apple Watch जैसे डिवाइस इस्तेमाल करते हैं, तो यह खबर आपके लिए जरूरी है। भारत की साइबर सुरक्षा एजेंसी CERT-In ने Apple के कई प्रोडक्ट्स को लेकर एक हाई-सेवेरिटी अलर्ट जारी किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, पुराने सॉफ्टवेयर वर्जन पर चल रहे Apple डिवाइसों में कुछ गंभीर कमजोरियां पाई गई हैं, जिन्हें हैकर्स आसानी से एक्सप्लॉइट कर सकते हैं।
किन डिवाइसों पर है खतरा?
CERT-In की एडवाइजरी में बताया गया है कि iOS, iPadOS, macOS, watchOS, tvOS, Safari, visionOS और Xcode के पुराने वर्जन इस खतरे की चपेट में हैं। इनमें iPhone 11 और उससे नए मॉडल, iPad Pro, iPad Air, iPad Mini, MacBook और Apple Watch शामिल हैं। अगर आपका डिवाइस इन वर्जन से पहले के सॉफ़्टवेयर पर चल रहा है, तो आपको तुरंत अपडेट करना चाहिए।
क्या हो सकता है असर?
इन कमजोरियों के चलते अटैकर्स आपके डिवाइस पर कंट्रोल ले सकते हैं, आपकी निजी जानकारी चुरा सकते हैं, सिक्योरिटी सेटिंग्स को बायपास कर सकते हैं और सिस्टम को क्रैश भी करा सकते हैं। CERT-In ने इसे हाई-सेवेरिटी रेटिंग दी है क्योंकि ये वल्नरेबिलिटीज Kernel, WebKit, CoreAnimation और Siri जैसे सिस्टम कंपोनेंट्स को प्रभावित करती हैं।
कौन-कौन से CVEs हैं शामिल?
एडवाइजरी में कई CVEs का जिक्र किया गया है, जैसे CVE-2025-43442, CVE-2025-43455, CVE-2025-43462, CVE-2025-43449 और CVE-2025-43379। ये सभी अलग-अलग लेयर पर डिवाइस की सिक्योरिटी को कमजोर कर सकते हैं।
क्या करना चाहिए यूज़र्स को?
CERT-In ने सलाह दी है कि सभी यूज़र्स अपने Apple डिवाइस को तुरंत लेटेस्ट सॉफ़्टवेयर वर्जन पर अपडेट करें। Apple ने इन वल्नरेबिलिटीज के लिए सिक्योरिटी फिक्स जारी कर दिए हैं, जो iOS 26.1, macOS Sequoia 15.1, watchOS 11.1, tvOS 18.1 और Safari 17.6.1 जैसे वर्जन में शामिल हैं।
इसके अलावा, यूज़र्स को ऑटोमेटिक अपडेट्स ऑन रखने, ऐप्स सिर्फ ट्रस्टेड सोर्स से डाउनलोड करने और अनजान लिंक पर क्लिक करने से बचने की सलाह दी गई है। इससे संभावित साइबर अटैक्स का खतरा काफी हद तक कम किया जा सकता है।

